7 मिनट, मई 16, 2023
जब भी आप अपना इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो डिजाइन करें तो उसमे फिक्स्ड-इनकम इंस्ट्रूमेंट्स, जैसे बैंक डिपॉजिट को जरूर शामिल करें। यह कन्सर्वटिव और रिस्क लेने वाले इन्वेस्टर्स दोनों के लिए बेहद जरूरी है। इसका कारण यह है कि फिक्स्ड-इनकम इंस्ट्रूमेंट्स आपके इन्वेस्टमेंट को एक शील्ड प्रदान करते हैं और मार्किट लिंक्ड इन्वेस्टमेंट की अस्थिरता के जोखिम को भी कम करने में मदद करते हैं। इसी वजह से बैंक डिपॉजिट (फिक्स्ड और रिकरिंग डिपॉजिट) लोगों का पसंदीदा इन्वेस्टमेंट विकल्प बन गया है।
फिक्स्ड और रिकरिंग डिपॉजिट को मार्किट में उपलब्ध सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक माना जाता है और यह लोगों के पसंदीदा इन्वेस्टमेंट में से एक है क्योंकि एमरजेंसी में यह आपको क्विक लिक्विडिटी देता है। नए इंटरेस्ट रेट और इनकम टैक्स स्लैब में रिवीजन के बाद यह एक बार फिर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है।
फिक्स्ड डिपॉजिट और रिकरिंग डिपॉजिट
फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और रिकरिंग डिपॉजिट (आरडी) के विकल्प पब्लिक और प्राइवेट दोनों तरह के बैंक द्वारा दिए जाते हैं। इनकी कुछ समानताएं निम्नलिखित हैं:
1. अधिकांश बैंकों में समान इंटरेस्ट रेट
2. निश्चित समय के लिए इन्वेस्टमेंट
3. मैच्योरिटी पर फिक्स्ड रिटर्न
4. समान टैक्स नियम
हालांकि, एफडी और आरडी कई तरह से अलग भी हैं।
एफडी और आरडी में अंतर
पैरामीटर | फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) | रिकरिंग डिपॉजिट(आरडी) |
---|---|---|
आप कैसे इन्वेस्ट करें | एक निश्चित समय के लिए लम सम अमाउंट फिक्स्ड करें | हर महीने एक फिक्स्ड अमाउंट एक निश्चित समय के लिए इन्वेस्ट करें |
टाइम फ्रेम | 7 दिन से 10 साल तक | 6 महीने से 10 साल तक |
मिनिमम इन्वेस्टमेंट अमाउंट | ₹ 5,000 | ₹ 500 |
इंटरेस्ट पेआउट ऑप्शन | प्रतिमाह या तिमाही या रिइंवेस्टमेंट | मैच्योरिटी पर प्रिंसिपल अमाउंट के साथ भुगतान |
ऑटो रिनूअल ऑप्शन | अपने प्रिंसिपल या प्रिंसिपल + इंटरेस्ट को रिनू करने का विकल्प चुन सकते हैं | मौजूद नहीं है |
इंस्टाॅलमेंट में देरी के लिए जुर्माना | पलागू नहीं है | देरी होने पर हर महीने के 10 ₹ प्रति 1,000 ₹ पर। (उदाहरण: एक महीने की देरी पर 50,000 ₹ की आरडी पर = 500 ₹ का जुर्माना) |
एफडी और आरडी दोनों का इंटरेस्ट रेट एक समान है, आपको किसमें इन्वेस्ट करना चाहिए यह पूरी तरह से आपकी जरूरतों और फिनैन्शल स्थिति पर निर्भर करता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट
अगर आपको आपके एक्सिस बैंक के सेविंग अकाउंट में बोनस मिला है या आपके ऐसा पैसा जमा है जिसे आप जल्द ही खर्च करने की योजना नहीं बना रहे हैं, तो एफडी खोलने पर आपको अधिक इंटरेस्ट रेट मिल सकता है।
इंटरेस्ट रेट हाई होने पर आप एफडी लैडरिंग स्ट्रैटेजी का उपयोग कर सकते हैं और हायर इंटरेस्ट रेट को लॉक करने के लिए एक बड़ी आरडी के बजाय कई छोटी एफडी खोल सकते हैं। जैसे ₹50,000 की आरडी के बजाय, आप अगले 12 महीनों के लिए हर महीने 50,000 ₹ की एफडी ओपन कर सकते हैं और अपनी इंटरेस्ट इनकम को बढ़ा सकते हैं।
अगर आप घर की डाउन पेमेंट या कार खरीदने के लिए अन्य इन्वेस्टमेंट समाप्त कर रहे हैं, तो आप उस पैसे को 1-3 महीने की एफडी में इन्वेस्ट कर सकते हैं और उस पर अधिक इंटरेस्ट प्राप्त कर सकते हैं।
अगर आप एक रिटायर्ड सीनियर सिटीजन हैं, तो आप अपनी लाइफ सेविंग का एक हिस्सा एफडी में इन्वेस्ट कर सकते हैं और मासिक ब्याज भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं। यह आपको एक निश्चित मंथली इनकम देते हुए आपके प्रिंसिपल अमाउंट को बरकरार रखेगा। एफडी सीनियर सिटीजन को हाई इंटरेस्ट रेट दर प्रदान करती है।
एफडी का एक अतिरिक्त लाभ यह है कि आप एफडी अमाउंट के 85% तक का लोन एफडी इंटरेस्ट रेट से 2% अधिक अतिरिक्त इंटरेस्ट पर ले सकते हैं।
[ये भी पढ़ें: फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) क्या है?]
रिकरिंग डिपॉजिट
एफडी एक बेहतरीन विकल्प है, लेकिन, अगर आपके पास इन्वेस्ट करने के लिए एक लम सम अमाउंट ना हो तो? ऐसी स्थिति मे आप आरडी का विकल्प चुन सकते हैं जहां आप हर महीने एक छोटा अमाउंट इन्वेस्ट कर सकते हैं। आप आरडी का अमाउंट और अवधि निर्धारित कर सकते हैं और अपना मैच्योरिटी अमाउंट पहले से ही पता कर अपने खर्चों के लिए योजना बना सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपका ₹1 लाख का वार्षिक बीमा प्रीमियम अगले 6 महीनों में आ रहा है, तो आप ₹17,000 की आरडी खोल सकते हैं और प्रीमियम की पेमेंट के समय मैच्योरिटी का विकल्प चुन सकते हैं।
नियमित बचत के लिए भी आप आरडी का उपयोग कर सकते हैं।
डिपॉजिट में कैसे इन्वेस्ट करें?
एक्सिस बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट या रिकरिंग डिपॉजिट खोलना बेहद आसान है, इसमे न्यूनतम दस्तावेज की आवश्यकता होती है। आप अपनी निकटतम एक्सिस बैंक ब्रांच में जाकर, या इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल कर आसानी से इन्वेस्ट कर सकते हैं। अगर आप एक्सिस बैंक के सेविंग अकाउंट होल्डर हैं, तो आपको एक वैलिड आइडेंटिटी कार्ड, एड्रेस प्रूफ और एक फोटोग्राफ जमा करना होगा। जबकि, नॉन-एक्सिस बैंक के ग्राहकों को पिछले छह महीनों के किसी अन्य बैंक या एक्सिस बैंक सेविंग अकाउंट होल्डर से इंट्रोडक्शन लेटर की आवश्यकता होगी।
भारत में निवेश के लिए यह अच्छा समय है। आज ही फिक्स्ड डिपॉजिट या रिकरिंग डिपॉजिट खोलकर इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाएं।
अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। इस लेख में व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं और जरूरी नहीं कि एक्सिस बैंक लिमिटेड और उसके कर्मचारियों के विचार हों। एक्सिस बैंक लिमिटेड और/या लेखक किसी भी वित्तीय निर्णय लेने के लिए पाठक द्वारा किए गए किसी भी प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष नुकसान या देयता के लिए ज़िम्मेदार नहीं होंगे। कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।