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होम लोन के लिए कैसे अप्लाई करें?

5 मिनट, जनवरी 13, 2023

दिनेश ठाकुर 30 साल के हैं और आईटी सेक्टर में काम करते हैं। वे 2021 से नया घर खऱीदने के बारे में सोच रहे हैं। उन्हें इसके लिए 60 लाख रुपये की ज़रूरत होगी। हालांकि, वे होम लोन एप्लीकेशन के प्रोसेस के बारे में ज़्यादा नहीं जानते और उन्हें ये भी जानकारी नहीं है कि उन्हें कौन से दस्तावेज़ तैयार रखने हैं। यहां इस बारे में सारी जानकारी दी गई है:

होम लोन के लिए कैसे अप्लाई करें?

लोन एप्लीकेशन देने के कुल 8 स्टेप हैं

1. होम लोन एप्लीकेशन फॉर्म भरें : दिनेश की तरह लोन की चाह रखने वाले हर शख्स को होम लोन के लिए एक एप्लीकेशन फ़ॉर्म भरना होता है। इसमें उनके नाम, पते, आय और इसके प्रूफ, नौकरी व शिक्षा की जानकारी और फ़ोन नंबर देना होता है। दिनेश नौकरी करते हैं इसलिए उनको भी ये सारी जानकारी देनी होगी और साथ ही पिछले तीन महीने की अपनी सैलरी स्लिप, 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट, फ़ॉर्म 16 और नौकरी का प्रूफ़ देना होगा। जो लोग अपना व्यवसाय करते हैं उन्हें पिछले दो साल के आयकर रिटर्न की पूरी जानकारी और आय से जुड़े दूसरे दस्तावेज़ देने होंगे।

2. प्रोसेसिंग फीस चुकाएं : अपने दस्तावेज़ जमा करने के बाद, दिनेश को बैंक की ओर से तय की गई प्रोसेसिंग फीस चुकानी होगी जो रिफ़ड नहीं की जाती। यह फीस उस शुरुआती काम के लिए ली जाती है जो बैंक, लोन एप्लीकेशन देने वाले शख्स की जानकारी की पुष्टि करने के लिए करता है। इसमें प्रॉपर्टी की कीमत और मालिकाना हक की जानकारी भी शामिल है। बची हुई प्रोसेसिंग फीस, लोन मंजूर होने के बाद रकम जारी किए जाने पर ली जाती है। लेकिन, ऐसा नहीं है कि दिनेश ने ये फीस दे दी है तो उसका लोन मंज़ूर हो ही जाएगा। यह फीस हर बैंक में अलग-अलग हो सकती है। यह या तो एक तय रकम हो सकती है या लोन की रकम का कुछ प्रतिशत हो सकता है। उदाहरण के लिए एक्सिस बैंक, प्रोसेसिंग फीस के तौर पर लोन की रकम का 1% (कम से कम 10,000 + एप्लीकेशन शुल्क) चार्ज करता है।

3. बैंक डिस्कशनः बैंक अपनी क्रेडिट पॉलिसी के हिसाब से, 5 कामकाजी दिनों में यह तय करता है कि लोन के लिए दी गई एप्लीकेशन को मंज़ूर करना है या नहीं। बैंक, बातचीत के लिए दिनेश को कॉल कर सकता है। यह स्थिति नौकरी करने वाले लोगों के मामले में बनती है। वहीं जो लोग खुद का व्यवसाय करते हैं, उनके मामले में बैंक का कर्मचारी एप्लीकेशन देने वाले व्यक्ति के संस्थान पर जाकर मुलाकात करते हुए बात कर सकता है। इस दौरान कर्मचारी, एप्लीकेशन देने वाले व्यक्ति के व्यवसाय की जानकारी भी लेता है। इससे क्रेडिट अंडरराइटर को लोन की प्रक्रिया बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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4. दस्तावेज़ वेरिफिकेशनः दिनेश के साथ अपने डिस्कशन के बाद, बैंक लोन के लिए उनकी योग्यता का आंकलन करता है। इसमें बैंक का कर्मचारी उनके वर्तमान पते पर आकर या फिर वो जिस कंपनी में काम करते हैं उनसे संपर्क कर सकता है। बैंक, दिनेश का क्रेडिट स्कोर चेक करने के लिए सिबिल से संपर्क कर सकता है।

5. अप्रूवल की प्रोसेसः इस प्रोसेस (बैंक की क्रेडिट पॉलिसी के अनुसार) में यह तय होता है कि बैंक, दिनेश की लोन एप्लीकेशन मंजूर करेगा या नहीं।

6. मंजूरी का लेटरः अगर दिनेश का लोन मंजूर हो जाता है, तो बैंक इसकी जानकारी देने वाला एक मंजूरी का लेटर दिनेश को भेजता है। इसमें दिनेश को लोन की उस रकम की जानकारी दी गई होगी जो उसे मिल सकता है, साथ ही उस पर लगने वाले ब्याज, उसके टाइप (फिक्स या वेरिएबल), लोन की अवधि के साथ-साथ नियम और शर्तों की जानकारी भी इसमें होती है। अगर दिनेश इन्हें स्वीकार कर लेता है, तो उसे इस लेटर पर साइन करके इसकी कॉपी बैंक को वापस भेजनी होगी।

7. प्रॉपर्टी का वेरिफिकेशनः अब जब लोन मंजूर हो गया है और उसे स्वीकार कर लिया गया है, बैंक प्रॉपर्टी को वेरिफाय करेगा। बैंक इस बात की कानूनी जांच करेगा कि बताई गई प्रॉपर्टी सही है और उसे लेकर किसी भी तरह की अन्य दावेदारी या विवाद नहीं है। इसके अलावा बैंक इस प्रॉपर्टी का टेक्नीकल वेल्युएशन भी करवाएगा। अगर प्रॉपर्टी अंडर कंस्ट्रक्शन है, तो टीम यह देखेगी कि यह किस स्टेज पर है। टीम इसकी उम्र, मेंटनेंस की क्वालिटी और उसका स्तर देखेगी। दिनेश को प्रॉपर्टी के पेपर्स जमा करने होंगे, इनमें असली मॉर्टगेज पेपर्स शामिल हैं। ये पेपर बैंक के पास तब तक गिरवी रहेंगे जब तक दिनेश अपना लोन नहीं चुका देते।

8. लोन की रकम जारी करनाः प्रॉपर्टी का वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद, ग्राहक को कानूनी और तकनीकी रिपोर्ट के हिसाब से सभी ज़रूरी दस्तावेज देने होंगे। लोन एग्रीमेंट पर साइन और अन्य दस्तावेजों के बाद लोन की रकम जारी कर दी जाएगी और इसका चेक ग्राहक को दे दिया जाएगा। अगर आप बिल्डर से प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो यह चेक प्रॉपर्टी देने वाले बिल्डर के नाम पर होगा। लोन की रकम जारी करने के बाद, बैंक अपने ग्राहक दिनेश को एक वेलकम किट भेज सकता है जिसमें लोन चुकाने का शेड्यूल भी होता है। अगर ईएमआई का पेमेंट उस खाते से किया जा रहा है जो उसी बैंक में है, तो ईएमआई का पेमेंट स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन से किया जाता है। वहीं किसी दूसरे बैंक में खाता होने पर, एएसीएच मेंडेट से किया जाता है। (एनएसीएच या नेशनल ऑटोमेटेड क्लैरिंग हाउस पेमेंट सॉल्यूशन असल में एक सेंट्रलाइज़ सिस्टम है जो बैंकों के बीच लेन-देन को आसान बनाता है।)

मौजूदा होम लोन की ब्याज दरें ऐतिहासिक रूप से कम हैं और जो भी व्यक्ति अपना घर खरीदने के बारे में सोच रहा है वो इस मौके का फायदा उठा सकता है। एक्सिस बैंक कई तरह के होम लोन ऑफर करता है जो इसके हर तरह के ग्राहकों के हिसाब से होते हैं।

यहां क्लिक करें एक्सिस बैंक के होम लोन के बारे में और जानें। आप चाहें तो एक्सिस बैंक होम लोन एलिजिबिलिटी केल्कुलेटर के लिए यहां क्लिक करके अपने एलिजिबिलिटी देख सकते हैं। आप होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर का भी उपयोग कर सकते हैं।

अस्वीकरणः कंटेंट क्रिएशन और क्यूरेशन फर्म द सोर्स ने इस लेख को लिखा है। ऐक्सिस बैंक किसी भी तरह से लेखक के विचारों को इंफ्लूएंस नहीं करता है। इस लेख और जानकारी के आधार पर किसी भी वित्तीय निर्णय लेने के बाद, पाठक को हुए किसी भी प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष नुकसान या देयता के लिए ऐक्सिस बैंक और द सोर्स ज़िम्मेदार नहीं होंगे। कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

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